विधानसभा चुनाव की घोषणा होते ही पार्टियां चुनावी रणनीति बनाने में लगी हैं। सीटों के जोड़तोड़ और वोटों के गणित के हिसाब से पार्टियां गठबंधन कर रही हैं, दूसरी तरफ इन्हें टक्कर देने के लिए कई नई पार्टियां भी मैदान में आ चुकी हैं। चुनाव आयोग को बड़ी संख्या में नई पार्टियों ने रजिस्ट्रेशन के लिए आवेदन दिया।
अबतक 87 पार्टियों को रजिस्ट्रेशन मिल चुका है और इन्हें चुनाव चिह्न भी एलॉट कर दिया गया है। इनमें से 79 नई पार्टियां हैं जिनका अस्तित्व पिछले चुनाव में नहीं था जबकि 8 पार्टियों ने पिछले चुनाव में भी उम्मीदवार उतारे थे।
इन पार्टियों को जून से लेकर 30 सितंबर तक चुनाव आयोग ने मान्यता दी है। जून में 18, जुलाई में 17, अगस्त में 13, तथा सबसे अधिक सितंबर में 39 पार्टियों को रजिस्ट्रेशन मिला है और चुनाव चिन्ह एलॉट किए गए हैं।
बड़ी पार्टियां गठबंधन में, नए दल अकेले मैदान में
विधानसभा चुनाव में बीजेपी, कांग्रेस जैसी राष्ट्रीय पार्टियां जहां राज्य में मजबूत स्थिति वाले राष्ट्रीय जनता दल, जदयू, लोजपा जैसी मजबूत पार्टियां भी मिलकर चुनाव लड़ रही हैं। इसे सियासी मजबूरी कहें या अन्य कारण, लेकिन सभी 243 सीटों पर अकेले लड़ने की हिम्मत इनमें से कोई भी नहीं जुटा सका है। इसके उलट जिन 79 नई पार्टियों को सिंबल एलॉट किए गए हैं उनमें संयुक्त विकास पार्टी और माले ही पूरे राज्य में उम्मीदवार नहीं उतार रही हैं। संयुक्त विकास पार्टी 30 और माले 98 सीटों पर उम्मीदवार मैदान में उतारेगी। शेष सभी ने 243 सीटों के लिए आयोग में रजिस्ट्रेशन कराया है।
अजब-गजब हैं पार्टियों के नाम और चुनाव चिह्न
नई पार्टियों के नाम भी अजब-गजब हैं। जागो हिन्दुस्तान पार्टी, असली देशी पार्टी, वाजिब अधिकार पार्टी, समग्र उत्थान पार्टी, लोग जन पार्टी, भारतीय सबलोग पार्टी, राष्ट्रीय सबजनशक्ति पार्टी, उदारवादी समरसता पार्टी, टीपू सुल्तान पार्टी, फौजी किसान पार्टी, रानी लक्ष्मीबाई क्रांतिकारी पार्टी इत्यादि। नए दलों को जो चुनाव चिह्न एलॉट किए गए हैं वह भी काफी दिलचस्प हैं। चुनाव चिह्न में माइक, चिमनी, तरबूज, तकिया, चक्की, बाल्टी, ईंट, ब्रेड आदि हैं।
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