हर व्यक्ति का वर्तमान उसके भविष्य को प्रभावित करता है। वर्तमान को बेहतर बनाने के लिए अपने अंदर सकारात्मक भाव तथा ऊर्जा को बनाए रखें। जीवन में आगे बढ़ने के लिए यह जरूरी है कि आपके आस पास सकारात्मक विचार वाले लोग हों। उनकी बातों को सुनें और उनकी सकारात्मकता को अपनाएं। बेवजह डराने और भयभीत करने वाली बातों तथा लोगों से बचें।
सुबह उठने के बाद अगर आपका मूड खराब हो जाए तो पूरा दिन बर्बाद हो जाता है। पर यदि आप पॉजिटिव रहते हैं तो पूरे दिन और आने वाले समय में भी पॉजिटिव बने रहेंगे। इसके लिए सुबह उठकर सबसे पहले योग करें, व्यायाम करें और कुछ देर ध्यान लगाएं। इसके बाद हो सके तो देश और दुनिया की कुछ पॉजिटिव खबरें पढ़ें।
समाचार माध्यम और सोशल मीडिया की नेगेटिव खबरों से सुबह बचने का प्रयास करें। सुबह अगर आपके अंदर पॉजिटिव एनर्जी आ गई तो फिर नेगेटिव घटनाओं और खबरों का भी आप पर प्रतिकूल असर नहीं पड़ेगा। इस दिशा में नो नेगटिव मंडे की दैनिक भास्कर ने सराहनीय पहल की है, जिससे आपका पूरा सप्ताह पाॅजिटिविटी से भरा रह सकता है।
यह जानना बेहद जरूरी है की हमारे जीवन में अच्छा कौन है और बुरा कौन है? इसके लिए स्वामी विवेकानंद ने एक बहुत ही महत्वपूर्ण और अनुकरणीय बात कही थी। उन्होंने कहा था कि जिससे बात कर आपके अंदर एक ताकत और सकरात्मकता का भाव महसूस होता है वह आपके जीवन के लिए अच्छा है। उसकी बातों को सुनना और अच्छी तरह समझना चाहिए।
नकारात्मक बात करने वालों को पूरी तरह नजरअंदाज करने का प्रयास करें। काफी दिन पहले सुपर 30 का एक छात्र घबराया हुए मेरे पास आया। वह एक प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी कर रहा था, जिसमें करीब छह महीने का समय था। मैंने उसकी परेशानी का कारण पूछा तो कहने लगा की मेरा बड़ा भाई बैंकिंग की परीक्षा में फेल हो गया है।
मैंने उससे पूछा कि इससे तुम क्यों परेशान हो तो उसने कहा कि भाई से बात करने के बाद ऐसा लग रहा है कि मैं भी कहीं फेल ना हो जाऊं। उसकी बातों को सुनकर मुझे आश्चर्य हुआ क्योंकि वह एक काफी प्रतिभाशाली छात्र था। मैंने उसे कहा तुम चिंता छोड़कर अपनी परीक्षा की तैयारी करो।
कुछ दिन बाद वह बोला कि सर, मेरा एक दोस्त बहुत बीमार हो गया है, परीक्षा से पहले कहीं मैं भी बीमार ना पड़ जाऊं। मैंने समझाया कि तुम हर बात में खुद की तुलना दूसरे क्यों करते हो। तुम समय से पढ़ते हो, समय से सोते और उठते हो, समय से खाना खाते हो, तुम क्यों बीमार पड़ोगे? परीक्षा में भी तुम सफल रहोगे। पर कुछ दिनों के लिए ऐसे लोगों से बात न करो जो तुमसे नेगेटिव चीजों के बारे में बात करते हैं।
बाद में वह छात्र काफी अच्छे अंकों के साथ अपनी परीक्षा में सफल हुआ। आज काफी कम उम्र के बच्चे टीवी और मोबाइल पर भूत प्रेत वाले डरवाने तथा नेगेटिव मैसेज देने वाले सीरियल और शो देखते हैं। इससे बच्चों के मन में नकरात्मकता भरती जाती है। आने वाले दिनों में उनका व्यवहार भी पूरी तरह नकारात्मक हो जाता है।
बच्चों के बेहतर भविष्य के लिए उन्हें हर हाल में नेगेटिविटी से निकालना होगा। ऐसे चीजों से दूर करना होगा जो उनके अंदर नकरात्मक विचार और गुण भरते हैं। उनके अंदर सकारात्मक विचार और भावना का विकास कर एक सफल इंसान बनाया जा सकता है।
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