पटना हाईकोर्ट के सामने मंगलवार को सूबे के कमोबेश सभी ट्रिब्यूनल का हाल पेश किया गया। कोर्ट को बताया गया कि कहां, कितने पद खाली हैं और कितने मामले कितने सालों से लंबित हैं? इसी दौरान यह बात भी सामने आई कि बिहार लैंड ट्रिब्यूनल तो बगैर अध्यक्ष व न्यायिक सदस्य के चल रहा है। यहां 800 से अधिक मामले लंबित हैं। मौका, चीफ जस्टिस संजय करोल की अध्यक्षता वाली खंडपीठ द्वारा ट्रिब्यूनल के स्थिति पर स्वतः दायर हुई जनहित याचिका पर सुनवाई का था।
कोर्ट ने इन स्थितियों से गंभीर सरोकार जताते हुए राज्य सरकार को आदेश दिया कि वह सूबे में तमाम ट्रिब्यूनल की अद्यतन स्थिति का विवरण दो सप्ताह में उपलब्ध कराए। कोर्ट ने इस क्रम में सभी जिला उपभोक्ता फोरम व वेजेज ट्रिब्यूनल को भी पार्टी बनाकर वहां के निबंधकों को नोटिस जारी की। इधर, बिहार लैंड ट्रिब्यूनल की तरफ से कोर्ट को बताया गया कि 28 फरवरी से ही अध्यक्ष का पद खाली है। एक न्यायिक अधिकारी का भी पद रिक्त है। यहां केवल एक सदस्य कार्यरत हैं, जिससे महत्वपूर्ण मामलों की सुनवाई नहीं हो पा रही है।
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