सुशांत के बेड रूम का लॉक तोड़ने वाले रफीक शेख ने कहा कि 14 जून को करीब एक बजे के आसपास एक फोन आया। फोन करने वाले ने कहा कि एक आदमी अंदर सोया हुआ है। गेट नहीं खोल रहा है। पहले मुझे मालूम नहीं था कि फोन करने वाले सिद्धार्थ पिठानी था। मैंने उससे कहा कि लॉक का फोटो भेजें। उसने मेरे वाटसएप पर खुले गेट में लगे लॉक का फोटो भेज दिया। उससे कहा कि उस गेट के लॉक का फोटो भेजें जो नहीं खुल रहा है। फिर उसने भेजा। करीब डेढ़- पौने दो बजे मैं गया। वहां चार लोग थे। उनसे कहा कि कंम्प्यूराइज्ड लॉक है।
नकली चाबी बनाने में एक घंटा लगेगा। लॉक को तोड़ने में वक्त नहीं लगेगा। 5 मिनट में लॉक तोड दिए। गेट हल्का सा खुला। उसके बाद पिठानी ने कहा यहां से सब औजार लेकर जाओ। तुम्हारा काम हो गया। मुझे कमरे के अंदर जाने नहीं दिया गया। झांकने तक नहीं दिया। मुझे यह नहीं मालूम था कि यह बेड रूम सुशांत का है। मुझे दो हजार दिया था। उस वक्त पुलिस नहीं आई थी। इन चार लोगों के चेहरे पर कोई परेशानी नहीं थी।
एक घंटे बाद आया पुलिस का कॉल, तब पता चला कि फ्लैट सुशांत सिंह राजपूत का है
रफीक ने कहा कि करीब एक घंटे के बाद सिद्धार्थ के फोन से पुलिस ने कॉल किया कि यहां आओ। मैं फिर वहां गया। पुलिस व मीडिया की भीड़ थी। तब पता चला कि यह सुशांत का फ्लैट है। हमसे पुलिस ने पूछताछ किया। तब भी रूम के अंदर नहीं गया। पहली बार जब गया तो समझा कि कोई बीमार या बुजुर्ग सोए हुए हैं। मुझे नहीं बताया गया था कि सुशांत अंदर में हैं। लॉक जब तोड़ रहे थे वे लोग कमरे में कान सटाकर सुन रहे थे कि अंदर से कोई आवाज आ रही है या नहीं।
सीबीआई ने कॉल किया है, पूरा सहयोग करेंगे
रफीक ने कहा कि सीबीआई ने फोन किया था। मुझे कहा गया कि फोन कर बुलाएंगे। सीबीआई 14 जून की जो बात हमसे पूछेगी, वह सही-सही बताऊंगा। सीबीआई को जांच में सहयोग करुंगा। सुशांत का फैन रहा हूं। उनकी कई फिल्में देखी हैं। सीबीआई मामले की जांच कर खुलासा कर दे कि उनके साथ क्या हुआ। यही मैं चाहता हूं।
रफीक की बातों से उठ रहे ये सवाल
- रफीक को कमरे के अंदर जाने क्यों नहीं दिया गया?
- पिठानी ने शुरू में सुशांत के बेड रूम का लॉक का फोटो क्यों नहीं भेजा?
- क्यों रफीक को दो हजार देकर वहां से फौरन जाने को कहा?
- सिद्धार्थ समेत चार लोग इतने रिलैक्स क्यों थे?
- पुलिस को पहले ही क्यों नहीं बुलाया गया?
14 जून को भट्ट ने रिया को मैसेज किया- कॉल मी
जहां एक तरफ मुंबई में सीबीआई टीम सुशांत मामले की जांच करने में जुटी है वहीं दूसरी तरफ सुशांत की गर्लफ्रेंड और फिल्म निदेशक महेश भट्ट के बीच वाट्सएप चैट के स्क्रीनशॉट शनिवार को फिर सामने आए। दोनों के बीच वाट्सएप चैट 9 से 15 जून के बीच के हैं। 14 जून की दोपहर जब सुशांत की मौत की खबर आई, तब महेश भट्ट ने रिया को मैसेज किया था। 2:35 बजे रिया को लिखा, कॉल मी।
उसके बाद बाद रिया ने उनसे बात की या नहीं, इसका खुलासा नहीं हुआ। लेकिन उसी दिन शाम 4:01 और 5:13 बजे रिया के फोन पर महेश भट्ट के दो वॉयस मिस्ड कॉल थे। यानी उन्होंने रिया से बात करने की कोशिश की पर नहीं हो सकी। इससे पहले 9 जून की रात करीब 10: 20 बजे रिया ने भट्ट को मैसेज किया था, जिसमें लिखा था, मेरे एंजल यानी देवदूत मैं आपके बगैर क्या कर सकती थी। आई लव यू सर। आपने मुझे एक बार फिर बचा लिया। जवाब में भट्ट ने फोल्डिंग हैंड की इमोजी शेयर की थी और फिर रिया ने दिल की इमोजी से उनका शुक्रिया अदा किया।
रिया ने लिखा- आपकी एनर्जी के डेली डोज की डिमांड करती हूं
सुशांत की मौत के पहले 14 जून की सुबह रिया ने महेश भट्ट को पहला मैसेज किया था, जिसमें उन्होंने लिखा था, ‘गुड मॉर्निंग सर। मैं मॉर्निंग कोट के जरिए आपकी एनर्जी के डेली डोज की डिमांड करती हूं, जो आप रोज वॉट्सऐप पर भेजते हैं। बस। लव यू।’ जवाब में भट्ट ने एक अंग्रेजी कोट भेजा, जिसका हिंदी अनुवाद है, भावनाएं हवा से भरे आकाश में बादलों की तरह आती-जाती रहती हैं। होश ही मेरा संबल है। इसके बाद रिया ने फोल्डिंग हैंड की इमोजी से उनका शुक्रिया अदा किया। फिर महेश भट्ट ने लिखा, लव यू चाइल्ड और रिया ने दिल की इमोजी बनाते हुए ‘लव यू सर माय एंजल’ लिखकर जवाब दिया।
डीजीपी ने दिया जवाब - क्या हार में क्या जीत में किंचित नहीं भयभीत मैं
एक्टर सुशांत सिंह राजपूत मामले की जांच को लेकर बिहार पुलिस और बिहार सरकार की भूमिका पर सवाल उठाने वालों को डीजीपी गुप्तेश्वर पांडेय ने फिर जवाब दिया है। डीजीपी ने शनिवार काे ट्वीट किया- जो मुझे गालियां देते हैं और मेरी आलोचना करते हैं, उनका भी हार्दिक अभिनंदन! इससे मुझे आत्मचिंतन/आत्म निरीक्षण की प्रेरणा मिलती है।
डीजीपी ने अपने ट्वीट के साथ उस कविता को भी लिखा है, जिसे पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय अटल बिहारी वाजपेयी अक्सर सुनाया करते थे। डीजीपी ने लिखा- क्या हार में क्या जीत में किंचित नहीं भयभीत मैं! कर्तव्य पथ पर जो मिले यह भी सही वह भी सही!
शिवसेना नेता की बात पर डीजीपी ने जताई थी आपत्ति
दरअसल, सुशांत सिंह राजपूत केस को लेकर बिहार पुलिस लगातार शिवसेना के निशाने पर रही है। शिवसेना के सांसद संजय राउत इसे लेकर बेहद आक्रमक रहे हैं। डीजीपी ने राउत की बात पर आपत्ति भी जताई थी कि उन्होंने बिहार के मुख्यमंत्री और यहां की पुलिस के बारे में आपत्तिजनक टिप्पणी की थी। बिहार सरकार द्वारा सुशांत केस को सीबीआई को सौंपने को लेकर भी तरह-तरह के सवाल उठाए गए।
यहां तक कहा गया कि डीजीपी राजनीति में आना चाहते हैं, इसलिए ऐसी बातें कह रहे हैं। हालांकि, दैनिक भास्कर के साथ अपने इंटरव्यू में डीजीपी ने कहा था कि राजनीति में आने के लिए ऐसा करना जरूरी थोड़े है। बहरहाल, विरोधियों काे जवाब देने के लिए डीजीपी ने मोर्चा खोल रखा है। शनिवार के उनके ट्वीट को इसी से जोड़कर देखा जा रहा है।
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