स्वच्छता सर्वेक्षण में भागलपुर नगर निगम के पिछड़ने का मामला तूल पकड़ने लगा है। पार्षदाें ने नगर आयुक्त के खिलाफ माेर्चा खाेल दिया है। नगर आयुक्त सवालाें के घेरे में हैं। पार्षदाें ने कहा-दफ्तर उपनगर आयुक्त और नगर आयुक्त आवास से निगम चलाएंगे, ताे देश में स्मार्ट सिटी में शुमार भागलपुर निगम स्वच्छता सर्वेक्षण में पिछले पायदान पर ही रहेगा। इसके साथ ही अब नगर आयुक्त के विराेध में डिप्टी मेयर के आवास पर आंदाेलन की रणनीति बनाई गई। नगर आयुक्त जे प्रियदर्शिनी के कामकाज के विराेध में रविवार काे डेढ़ घंटे तक डिप्टी मेयर राजेश वर्मा के आवास पर पार्षदाें की बैठक हुई। इसमें मेयर सीमा साह भी शामिल हुई, जिसमें तय हुआ कि साेमवार काे नगर आयुक्त के दफ्तर के नीचे पार्षद धरना-प्रदर्शन करेंगे और मांगें पूरी हाेने तक जमे रहेंगे। पार्षदाें ने नगर आयुक्त पर आराेप लगाया है कि निगम में न ताे काम हाे रहा है और न ही देश में छवि अच्छी पेश की जा रही है। मेयर ने कहा कि हम पार्षदाें की मांगाें का समर्थन करते हैं और उनके साथ हैं। डिप्टी मेयर ने कहा कि नगर आयुक्त अनियमितता के साथ कार्य कर रही हैं। जिसका प्रमाण भी है, वह शहर की समस्याओं काे देखने न तो खुद बाहर निकलती हैं न पार्षदाें की बातों पर ध्यान देती है। वह महिला हैं ताे पुरुष पार्षद बात करने से परहेज करते हैं। लेकिन अब महिला अफसर काे महिला पार्षद से ही घेराव करवाएंगे और उन्हें मुंहताेड़ जबाव मिलेगा। उनके इस लापरवाही की शिकायत सरकार तक पहुंचेगी। ऐसे अफसर के चलते ही जनता की नजर में हमलाेगाें की फजीहत हाेती है।
पार्षद बोले : पद छाेड़ कर यहां से चली जाएं नगर आयुक्त
पार्षदाें ने नगर आयुक्त पर आराेप लगाया कि वह न ताे पार्षदाें से मिलती हैं न काॅल रीसिव करती हैं। उनसे जब भी पार्षद मिलने जाते हैं, वह स्मार्ट सिटी की बैठक के नाम पर टरका देती हैं। मेयर भी जब बैठक का समय तय करती हैं ताे स्मार्ट सिटी के नाम पर तारीख आगे बढ़ा देती हैं। स्मार्ट सिटी में खर्च का हिसाब पार्षदाें काे मांगने का अधिकार नहीं है, इसलिए वह उधर ही ध्यान देती हैं। जबकि निगम के पैसे का हिसाब पार्षद मांग सकते हैं, इसलिए वह ध्यान नहीं देती हैं। अगर उनकाे स्मार्ट सिटी के काम में ही ज्यादा दिलचस्पी है ताे नगर आयुक्त का पद खाली कर दें, सरकार दूसरे ऑफिसर काे यहां भेजेगी, ताकि शहर का विकास हाे सके।
उपनगर आयुक्त से वित्तीय प्रभार लें
पार्षदाें ने यह भी आराेप लगाया कि चार्जशीटेड उप नगर आयुक्त सत्येंद्र प्रसाद वर्मा काे वित्तीय प्रभार दे दिया गया है। वह अपनी मनमर्जी से चुनिंदा एजेंसी काे भुगतान करते हैं और बाकी काे दाैड़ाते रहते हैं, इससे विकास प्रभावित हाे रहा है। काेराेना के नाम पर लाखाें रुपए बांस-बल्ली से लेकर सैनिटाइजेशन के नाम पर खर्च कर दिए। जिसका उनके पास किसी तरह का हिसाब नहीं है। बैठक में पार्षद संजय कुमार सिन्हा, हंसल सिंह, उमर चांद, गाेविंद बनर्जी समेत अन्य शामिल हुए।
हमने न ताे बांस-बल्ले का पेमेंट किया है और न ही किसी तरह की अनियमितता की है। तीन अगस्त से हमे वित्तीय प्रभार मिला है, जबकि काेराेना का कार्य मार्च से ही हाे रहा है। इसलिए जनप्रतिनिधियाें की बाताें पर हमारा नाे कमेंट है।
-सत्येंद्र प्रसाद वर्मा, पीआरओ, निगम
ये हैं मांगें
साल भर पहले राेड-नाला के लिए टेंडर हुए कार्य शुरू हाे
दस महीने पहले ट्रैक्टर, ऑटाे ट्रिपर खरीद का निर्णय, जल्द खरीद हाे
एन-95 मास्क खरीद, सैनिटाइजेशन में खर्च राशि का ब्याेरा जारी हाे
सफाई मजदूराें काे चूड़ा-दालमाेट देने के नाम पर कितने पैसे खर्च किए
नगर आयुक्त पार्षदाें से मिलें व सभी का काॅल रीसिव करने का काम करे
आवास से फाइलाें के निष्पादन की आदत में सुधार लाएं नगर आयुक्त
सारे फाइलाें का आवास से ही क्याें हाे रहा निष्पादन, यह संस्कृति बदलें
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