शनिवार की रात पटना से रांची के लिए हुए थे रवाना। जिस वक्त राजद नेता बिजेंद्र यादव रांची के लिए शनिवार की शाम रवाना होने वाले थे उस वक्त सहरसा के जिला परिषद उपाध्यक्ष छत्री यादव उनके साथ राजद कार्यालय के बाहर चाय पी रहे थे। छत्री यादव ने भास्कर को बताया कि बिजेंद्र भाई काफी खुश थे। वे महिषी से अपनी दावेदारी को सुनिश्चित मान कर चल रहे थे।
राजद सुप्रीमो से मिलने का उनका कार्यक्रम तय हो चुका था। शायद इसीलिए वे जल्दबाजी में थे। उनके साथ रांची जाने वालों में सौर बाजार प्रखंड के पूर्व प्रमुख योगेन्द्र राम और बिजेंद्र यादव का एक ग्रामीण छोटेलाल यादव भी थे। जिप उपाध्यक्ष छत्री यादव ने कहा कि उन्होंने अपने सामने उन्हें विदा किया था।
बिजेंद्र यादव जिस नई मारुति कार को ड्राइव कर रांची के लिए निकले उसे एक सप्ताह पहले ही उन्होंने खरीदी थी। मौत की खबर सुबह घर पहुंचते ही कोहराम मच गया। पत्नी वीणा देवी ने कहा जिंदगी का आखिरी सपना बिखर गया। चार दिन पहले गुरुवार को वे पटना गए थे और शनिवार की रात सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव से मिलने रांची के लिए निकले थे।
कम उम्र में ही बन गए थे अपनी पंचायत के मुखिया
जिले के इतिहास में शायद पहले युवा थे। जिन्हें मात्र 18 वर्ष की उम्र में पहुंचते ही लोगों ने सत्तर कटैया प्रखंड के बिजलपुर पंचायत का मुखिया नोमिनेट कर दिया। वर्ष 1990 में मात्र 18 वर्ष की उम्र में जब वे मुखिया बने थे फिर पहला पंचायती चुनाव वर्ष 2006 का वक्त आया। पूरे बिहार में पंचायती राज की शुरुआत हुई थी।
राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद करीबी माने जाते थे बिजेंद्रजिला पार्षद बन कर जनता की सेवा में जुट गए। वर्ष 2011 के पंचायती राज चुनाव में उनकी पत्नी चुनाव लड़ी और उनकी जीत हुई। फिर युवा राजद के जिलाध्यक्ष की जिम्मेदारी पार्टी की ओर से मिली। राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद, उनके पुत्र पूर्व उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव, तेजप्रताप यादव के काफी करीबी माने जाते थे।
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