सिर्फ 37 मिनट में सहनी-तेजस्वी की यारी डीएनए में गड़बड़ी तक पहुंच गई, शाम 4.55 से शुरू हुआ वीआईपी भाईचारा 5.32 पर ही खत्म हुआ - Dainik Darpan

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Saturday, October 3, 2020

सिर्फ 37 मिनट में सहनी-तेजस्वी की यारी डीएनए में गड़बड़ी तक पहुंच गई, शाम 4.55 से शुरू हुआ वीआईपी भाईचारा 5.32 पर ही खत्म हुआ

(इंद्रभूषण) एक कहावत है राजनीति में कोई भाई चारा नहीं होता है। शनिवार को महागठबंधन की प्रेस कांफ्रेंस में यह कहावत चरितार्थ भी दिखी..। मौका था महागठबंधन की सीटों के एलान का। मंच पर सभी घटक मौजूद थे और एक दूसरे की शान में कसीदे भी पढ़ रहे थे।

कोई किसी को भाई बता रहा था तो कोई साथी...। तेजस्वी ने भी वीआईपी के मुखिया मुकेश सहनी को ‘बड़ा भाई’ बताया तो लगा सबकुछ ठीक है। चंद मिनट बाद ही माइक मुकेश सहनी के पास पहुंचा। पूरे समय धैर्यवान दिख रहे सहनी अचानक फूट पड़े और कहा मेरी पीठ में खंजर घोंप गया है...फिर क्या था जैसे राजनीतिक भूचाल सा आ गया।

तेजस्वी के साथ होटल तक आए सहनी और तेजप्रताप के बगल में बैठे

4.55 बजे: प्रेस कांफ्रेंस के पहले बड़े तामझाम के साथ बदलाव का संकल्प लेते हुए वीआईपी नेता मुकेश सहनी राजद नेता तेजस्वी के ठीक पीछे सबसे बड़े होटल के आलीशान मंच पर चढ़े।
5.07 बजे: हाथ में हाथ मिला फोटो सेशन कराया तो एक तरफ तेजप्रताप तो दूसरी तरफ राजद नेता शिवानंद तिवारी का हाथ मुकेश जोर पकड़ रहे।
5.10 बजे: सांसद मनोज झा ने कार्यक्रम की शुरुआत की और कांग्रेस नेता अविनाश पांडेय को संबोधित करने को कहा तो उन्होंने बड़े अदब से मुकेश सहनी को संबोधित किया और महागठबंधन का मजबूत पार्टनर बताया। अविनाश ने जब कहा कि वैचारिक मतभिन्नता और आंतरिक मतभेद के बावजूद हम सब दलों ने साथ आने का निर्णय किया तो मुकेश मुस्कराते नजर आ रहे थे।
5.17: जब तेजस्वी ने बोलना शुरु किया तो मुकेश सहनी की तरफ देख उन्हें ‘बड़ा भाई’ संबोधित किया। उन्होंने सभी सहयोगी दलों ने लोगों से अपील की कि हमलोगों को एक मौका दीजिये।
5.26: सीटों का एलान करते हुए तेजस्वी ने कहा कि राजद की 144 सीटों में से वीआईपी और झामुमो को एकॉमॉडेट करने की बात चला रही है। इस पर मुकेश सहनी की भौंहे तनने लगी।
5.31: मुकेश सहनी ने कहा...मैं सन ऑफ मल्लाह अति पिछड़े का बेटा, अभी जो हमारे साथ हो रहा है, कहीं न कहीं पीठ में खंजर घोंपने का काम है।
5.32 बजे: उन्होंने महागठबंधन छोड़ने का एलान कर दिया।

तेजप्रताप को 25 मिनट में ही होटल तक ले आए तेजस्वी

बड़े भाई तेजप्रताप यादव को 25 मिनट में तेजस्वी अपनी गाड़ी मे बिठा फिर से 10 सर्कुलर रोड ले आये। दरअसल दोपहर 3 बजे के आसपास तेजप्रताप के स्ट्रैंड रोड स्थित आवास में एंबुलेंस पहुंचा तो उनके समर्थकों ने ये मैसेज दिया कि तबीयत खराब हो गई है। आनन फानन में सूचना राजद महासचिव के फोन पर 10 सर्कुलर रोड में पहुंचायी गई। सूचना तेजस्वी यादव को दी गई तो वे मां राबड़ी देवी को लेकर तेजप्रताप यादव के आवास पहुंचे।

श्याम रजक समेत छह विधायक बेटिकट हुए

माले के हिस्से में चली गई सीटों के कारण राजद के 4 और कांग्रेस के एक विधायक का टिकट उस क्षेत्र से कट गया है। इसमेंं राजद की आरा, काराकाट, अरवल, औराई और कांग्रेस की भोरे (सु) सीट शामिल है। भोरे (सु) सीट से कांग्रेस विधायक अनिल कुमार बेटिकट हो गये हैं। वहीं राजद के 4 विधायकों में आरा से मो. नवाज आलम, काराकाट से संजय कुमार सिंह, अरवल से रविन्द्र सिंह और औराई से सुरेन्द्र कुमार बेटिकट हो गये है।

वैसे पालीगंज सीट से भी पिछली बार राजद से बच्चा यादव जीते थे पर वे पिछले महीने ही जदयू में शामिल हो गये हैं। श्याम रजक क्या करेगे? उनकी सीटिंग सीट फुलवारीशरीफ माले के हिस्से में जाने के बाद राजद का हर नेता यही सवाल कर रहा है। राजद के रणनीतिकारों पर भरोसा करें तो महागठबंधन की सरकार बनी तो उन्हें राज्यपाल कोटे से विधान परिषद में भेजा जाएगा। और सरकार नही बनी तो उन्हें फिर से एमएलसी बनाने तक संगठन में महत्वपूर्ण पद से नवाजा जाएगा।

हालांकि इस संबंध में श्याम रजक से सीधे सवाल किया गया तो वो कहने लगे। हम मंत्री पद पर लात मार कर विचारधारा के इश्यू पर राजद में आये हैं। बड़ा काम करने के लिये कभी-कभी बड़ा त्याग भी करना पड़ता है। पिछले 20 दिनों से दिल्ली में इलाज करा रहे थे। 3 दिन पहले ही पटना आये हैं।

अभी इस मुद्दे पर राजद नेतृत्व से कोई बात नहीं है। जब राजद में आ गये तो पार्टी का जो निर्णय होगा उस पर चलेंगे। भाकपा माले को महागठबंधन में 19 सीट मिली है। रविवार को राज्य कमेटी की बैठक में प्रत्याशियों के नाम फाइनल कर घोषणा होगी। बैठक में महासचिव दीपंकर भट्टाचार्य भी रहेंगे।

भाकपा में हरलाखी सीट से राम नरेश होंगे उम्मीदवार

भाकपा के प्रभारी राज्य सचिव राम नरेश पांडेय खुद हरलाखी से प्रत्याशी होंगे। इसके पहले भी यहां से वे विधायक रह चुके हैं। महागठबंधन में भाकपा को 3 जिलों में 6 सीट मिली है। पार्टी सचिव मंडल की रविवार को बैठक में सभी 6 सीटों के प्रत्याशी के नाम की घोषणा होगी। भाकपा को मधुबनी में 2, बेगूसराय में 3 और पूर्णिया में एक सीट मिली है।

बछबाड़ा से पूर्व विधायक अवधेश कुमार फिर प्रत्याशी होंगे। झंझारपुर से राम नारायण यादव, बखरी से सूर्यकांत पासवान और तेघड़ा से राम रतन सिंह प्रत्याशी होंगे। इधर भाकपा के कई राज्य नेताओं ने मात्र 6 सीट मिलने को अपमान बताया। नाम नहीं छापने की शर्त पर कहा कि इस बंटवारे से राज्य भर के पार्टी नेता और कार्यकर्ता काफी नाराज हैं। वामदलों में भाकपा सबसे बड़ी पार्टी है।

विभूतिपुर में अजय, मटिहानी से राजेंद्र सिंह माकपा प्रत्याशी

माकपा को 4 सीटें मिली हैं। विभूतिपुर माकपा की पारंपरिक सीट रही है। हालांकि पिछले दो विधानसभा चुनावाें में पार्टी एक भी सीट नहीं जीत सकी थी। विभूतिपुर से अजय कुमार उम्मीदवार होंगे। मटिहानी से राजेंद्र सिंह, मांझी से सत्यदेव यादव और पीपरा से राजमंगल सिंह माकपा प्रत्याशी होंगे। इधर, माकपा के जिला से लेकर राज्यस्तर के नेताओं में काफी कम सीट मिलने से नाराजगी है।

तेजस्वी ने अति पिछड़ा समाज को बेइज्जत किया: संजय सिंह

जदयू ने मुकेश सहनी के मसले को बड़ा मुद्दा बनाते हुए राजद को घेरा। पार्टी के नेताओं ने कहा कि तेजस्वी यादव ने अति पिछड़ा समाज को खुलेआम बेइज्जत किया। प्रदेश जदयू के मुख्य प्रवक्ता संजय सिंह ने कहा कि तेजस्वी यादव ने वस्तुत: अतिपिछड़ों का अपमान किया। लालू-राबड़ी के 15 साल के शासनकाल में अतिपिछड़ों के लिए कुछ नहीं किया गया। और आज पूरी तरह स्पष्ट हो गया कि लालू परिवार अतिपिछड़ों से नफरत करता है।

मुकेश सहनी से पहले तेजस्वी, महादलित जीतनराम मांझी को नकार चुके हैं। वहीं, जदयू प्रवक्ता राजीव रंजन प्रसाद ने कहा कि ठगी से आजिज मुकेश सहनी का विद्रोह, मुख्यमंत्री पद का सपना देखने वाले तेजस्वी यादव के लिए बहुत बड़ा झटका है। महागठबंधन लगातार बिखराव की स्थिति में है और मुकेश सहनी के साथ आज जो हुआ, वह तो तेजस्वी की विद्रूप राजनीति की खुली गवाही है।

मांझी बोले-पिछड़ों का अपमान कर रहे

महागठबंधन के प्रेस कांफ्रेंस पर हिन्दुस्तानी आवाम मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष व बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने तंज कसा है। कहा कि मल्लाह जाति को अपमानित करने के लिए तेजस्वी ने प्रेस कांफ्रेंस बुलाई थी। लालू दलितों को अपमानित करते थे और तेजस्वी पिछड़ों को अपमानित कर रहे हैं। गौरतलब है कि मांझी हाल तक महागठबंधन का हिस्सा थे और बाद में उन्होंने यह कहते हुए किनारा कर लिया था कि वहां उनकी बात नहीं सुनी जा रही।



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सहनी ने हाथ में माइक आने का इंतजार किया, जैसे ही कहा धोखा हुआ... हंगामे में घिरे तेजस्वी-तेज


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