सेंट्रल जेल में बंद गणेशी यादव हत्याकांड का नामजद अभियुक्त कुख्यात सोहित यादव का आरोप जांच में फर्जी निकला है। सोहित ने जेल अधीक्षक को पत्र लिखकर अपने विरोधियों पर कोर्ट में पेशी से वापस आने के दौरान गाली-गलौज, धमकी और केस उठाने की धमकी देने का आरोप लगाया था।
जेल अधीक्षक ने पूरे मामले की जांच कोर्ट प्रभारी उमेश प्रसाद भगत से कराई। जांच में आया है कि सोहित झूठ का सहारा लेकर बचने की कोशिश कर रहा है। इस तरह की कोई भी बात पेशी से वापस लौटने के दौरान नहीं हुई है। मामले की जांच सेंट्रल जेल के अधीक्षक संजय कुमार चौधरी ने भी अपने स्तर से की तो पाया कि सोहित यादव द्वारा अपने विरोधियों पर लगाया गया आरोप मनगढ़ंत है। जेल अधीक्षक ने कोर्ट हाजत प्रभारी की रिपोर्ट को संलग्न कर जिला व सत्र न्यायाधीश और एससपी को पत्र लिखकर सोहित यादव पर कार्रवाई का अनुरोध किया है।
यह है मामला
जेल अधीक्षक को लिखे पत्र में आरोपी सोहित यादव ने जिक्र किया था कि 3 अक्टूबर को कोर्ट में पेशी के लिए भेजा गया था। कोर्ट से जेल वापस आने के दौरान खूटाहा गांव निवासी विरोधियों ने घेर कर गाली-गलौज किया और केस उठाने की धमकी दी। अन्यथा अंजाम भुगतने की बात विरोधियों द्वारा कही गई। बता दें कि गणेशी यादव हत्याकांड में सोहित नामजद आरोपी है।
वारदात के समय सोहित भी गोलीबारी में जख्मी हो गया था। तब उसकी पत्नी संगीता देवी ने गणेशी यादव समेत अन्य पर केस दर्ज कराया था।
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