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Sunday, November 8, 2020

माॅर्निंग वाॅक कर रहे पूर्व मुखिया को मारीं तीन गाेलियां, मौत के बाद दुकानें बंद, सड़क जाम

दुल्हिनबाजार के ऐनखां भीमनीचक पंचायत के पूर्व मुखिया संजय वर्मा काे एक बाइक पर सवार दाे शूटराें ने भून डाला। भीमनीचक गांव के रहने वाले संजय घर से माॅर्निंग वाॅक करने निकले थे। घर से करीब आधा किलामीटर दूर सुबह करीब 4:55 बजे उन्हें हथियारबंद अपराधियाें ने सिर, पीठ व छाती में तीन गाेलियां दाग दीं और नाैबतपुर की ओर फरार हाे गए। उन्हें गंभीर हालत में दुल्हिनबाजार अस्पताल भेजा गया, पर वहां से पटना रेफर कर दिया गया, जहां इलाज के दाैरान उनकी माैत हाे गई।

उनकी हत्या के पीछे किसी ने साजिश रची। कहा जा रहा है कि किसी ने सुपारी देकर ऐनखां भीमनीचक पंचायत के तीन टर्म लगातार 15 साल तक मुखिया रहे संजय की हत्या करा दी। करीब 48 साल के संजय जदयू के पटना जिला ग्रामीण के पूर्व उपाध्यक्ष भी थे।

उन्हें एक बेटा कुणाल और एक बेटी पम्मी है। इधर, हत्या के विराेध में उनके परिजनाें व समर्थकाें ने दुल्हिनबाजार में पालीगंज-बिहटा राेड काे दाेपहर 3 से शाम 5 बजे तक जाम कर दिया। टायर जलाकर हंगामा व प्रदर्शन करने के साथ दुकानें बंद करा दीं। किसी तरह पुलिस ने समझा-बुझाकर लाेगाें काे शांत कराया।

आरोप : पंचायत चुनाव की राजनीति में हुई हत्या
परिजनाें का आरोप कि उनकी हत्या पंचायत चुनाव की राजीनति में की गई। चुनाव अगले साल हाेना है। संजय का फुलवारीशरीफ में भी मकान है। संजय बिक्रम के महजपुरा मे एक पार्टनर के साथ ईट्ट भट्टा भी चलाते थे। एसएसपी उपेंद्र कुमार शर्मा ने बताया कि हत्या की वजह का पता नहीं चला है। अज्ञात पर केस हुआ है। पुलिस सभी संभावित बिंदुओं पर छानबीन करने में जुटी है।
पुराना आपराधिक रिकॉर्ड: 2001 से पहले संजय का आपराधिक रिकाॅर्ड रहा है। कई थानाें में उनपर संगीन केस दर्ज हुए हैं। जब नौबतपुर इलाके में कुख्यात पंचम महतो की तूती बोलती थी, उस समय संजय उसके खासमखास माने जाते थे। उनके करीबियों के अनुसार लगातार तीन टर्म मुखिया रहे संजय का वर्तमान में किसी से कोई अदावत नहीं थी। 2001 के बाद से ही उन्हाेंने अपना रास्ता बदल लिया था।

किसी ने लाइनर की भूमिका निभाई
संजय की हत्या पूरी प्लानिंग के साथ की गई है। इसमें काेई न काेई एक लाइनर भी जरूर है। सुबह 4:55 बजे हत्या हाेना इसी की ओर इशारा करता है। शूटराें काे पता था कि वे राेजाना कहां टहलने जाते हैं। संजय के माेबाइल के सीडीआर से पता चलेगा कि किसने उन्हें आखिरी बार फाेन किया या फिर उन्हाेंने किससे बात की।

हत्या के पीछे काेई न काेई करीबी जरूर है। संजय की माैत की खबर मिलने के बाद घर में काेहराम मच गया। उनकी मां, पत्नी, व बच्चाें का राे-राेकर बुरा हाल था। 15 साल तक मुखिया रहने की वजह से उनके सर्मथकाें में शाेक की लहर दाैड़ गई।



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Three galleries killed the former chief who was walking the morning, shops closed after death, road jam


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