शर्मिंदा हैं बेटी। पूरा समाज शर्मिंदा है। गुरू और शिष्य परंपरा शर्मिंदा है। गंदे गुरूजी पढ़ाते-पढ़ाते एक नाबालिग छात्रा को हवस का शिकार बनाया। तंग आकर छात्रा ने खुद के शरीर पर किरोसिन डालकर आग लगा ली। जिससे झुलसकर वह बुरी तरह जख्मी हो गई। प्राथमिक इलाज के बाद उसे नाजुक हालत में गया मगध मेडिकल कॉलेज भेजा गया है।
घटना हसपुरा थाना क्षेत्र के एक गांव से जुड़ा है। इस मामले में त्वरित कार्रवाई करते हुए पुलिस दुष्कर्मी शिक्षक को पकड़ लिया है। जिससे हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है। दुष्कर्मी शिक्षक रवि रंजन कुमार हसपुरा थाना क्षेत्र के खुटहन गांव का रहने वाला है। वह पचरूखिया बाजार में ग्लोबल इंस्टीच्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी के नाम से कंप्यूटर क्लास लेता है। इस मामले में हसपुरा थानाध्यक्ष धनंजय कुमार ने बताया कि पुलिस मामले की तहकीकात कर रही है।
छठ के दिन छात्रा के घर ही बनाया हवस का शिकार, संडे को भी बुलाता था पढ़ाने के बहाने
छठ के दिन किया छात्रा से पाप, बर्दाश्त नहीं हुआ तो आग लगायी
दुष्कर्मी शिक्षक रविरंजन पवित्र छठ के दिन छात्रा के घर पहुंचकर पाप किया। भगवान भाष्कर के आस्था का उसपर कोई प्रभाव नहीं पड़ा और वह अपने ही नाबालिग छात्रा से दुष्कर्म कर डाला। समाजिक ईज्जत और शर्म से छात्रा ने कुछ दिन किसी को नहीं बतायी, लेकिन अंदर-अंदर ही वह खौलते रही। जब बर्दाश्त नहीं हुआ तो सोमवार को वह किरोसिन छिड़ककर आग लगा ली। जिससे वह धूं-धूंकर झुलसने लगी। घटना के बाद उसके घर में अफरा-तफरी मच गई। घर में उसको जलते देखकर लोगों को पहले कुछ समझ नहीं आया।
कपड़ा फेंककर छात्रा की आग बुझायी गई
तत्काल परिजनों ने ग्रामीणों की मदद से कपड़ा फेंककर उसकी आग बुझायी। तब तक वह अचेत हो गई थी। आनन-फानन में उसे इलाज के लिए हसपुरा रेफरल अस्पताल ले जाया गया। जहां कई घंटों तक उसे देखा नहीं गया। इसकी खबर जब दैनिक भास्कर को लगी। टीम पहुंची। फिर इसकी सूचना परिजनों ने पुलिस को दी। आनन-फानन में पूरा सिस्टम हरकत में आया। उसका इलाज शुरू हुआ। डॉक्टरों ने प्राथमिक इलाज के बाद उसकी हालत नाजुक देखते हुए गया मगध मेडिकल अस्पताल रेफर कर दिया।
संडे को भी बुलाता था आरोपी, नहीं आने पर दूसरे दिन पीटता था
छात्रा ने रोते हुए पुलिस को बतायी कि गंदे गुरूजी के अत्याचार से परेशान आ गई थी। उसने रोते हुए बतायी कि शुरूआत में बहुत प्यार से पुचकार कर पढ़ाया। फिर गंदे गुरू की करस्तानी शुरू हुई। संडे को भी क्लास के बहाने बुलाने लगे और मेरे साथ बदसलूकी करने लगे। जब नहीं आती तो वह दूसरे दिन क्लास में पिटाई करते थे।
छठ के दिन बोले मैं प्रसाद खाने आउंगा। मैं बुलाने से डरी, लेकिन फिर गंदे गुरूजी पहुंच गए और जो मन में डर था। वही हुआ। एकांत पाकर रात में मेरे साथ दुष्कर्म किया। मैं किसी को बतायी तो नहीं, लेकिन अंदर ही अंदर मैं मर रही थी। सोमवार को बर्दाश्त नहीं हुआ तो सोची अब मेरे लिए जीना सही नहीं। अब बच गई हूं तो गंदे गुरूजी को सजा दिलाकर रहुंगी। ताकि किसी छात्रा के साथ यह अत्याचार आने वाले दिनों में ना कर पाए।
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