मुशहरी के छोटी कोठिया गांव की 65 साल की महिला को 13 माह में 8 बार प्रसव दिखा जननी बाल सुरक्षा योजना की राशि हड़पने के मामले में शनिवार को जांच टीम ने अपनी रिपोर्ट डीएम को सौंप दी। एडीएम राजेश कुमार के नेतृत्व में गठित टीम ने 2 दिनों की जांच के बाद मुशहरी सीएचसी के लेखापाल, कोठिया के सीएसपी संचालक को दोषी पाया।
वहीं, सीएचसी प्रभारी और स्वास्थ्य प्रबंधक को इस मामले में लापरवाह बताया। जांच टीम ने पाया कि छोटी कोठिया गांव की 4 महिलाएं शांति देवी, सोनी देवी, सोनिया देवी व लीला देवी के प्रसव के नाम पर आधा दर्जन से अधिक बार जननी बाल सुरक्षा योजना की राशि उनके खाते में भेजी गई। शांति देवी को 5 बार, लीला को 8 बार, सोनी को 2 बार व सोनिया देवी के खाते में 4 बार राशि भेजी गई।
वहीं, एसबीआई के सीएसपी संचालक ने इस राशि की निकासी अगले दिन कर ली। हालांकि, राशि की निकासी महिलाओं के अंगूठे के निशान लेने के बाद ही की गई। अब इन महिलाओं की भूमिका की भी जांच होगी। इन लोगों ने राशि की निकासी की या नहीं, पूछताछ के दौरान चारों महिलाओं ने बयान में राशि नहीं निकालने की बात कही। लेकिन, जब साइन करने को बोला गया, तो इनकार कर दिया।
मुशहरी सीएचसी में हुए भुगतान की होगी जांच
डीएम डॉ. चंद्रशेखर सिंह ने कहा कि मुशहरी सीएचसी में 1 वर्ष के अंदर जननी बाल सुरक्षा योजना के तहत जितने भुगतान हुए हैं, उसकी जांच होगी। इधर, पुलिस लाभुक महिलाओं की भूमिका की भी जांच करेगी।
भुगतान रजिस्टर में बीच में दर्ज थे चारों के नाम
भुगतान रजिस्टर में चारों महिलाओं के नाम बीच में दर्ज कर दिए गए थे। जबकि, प्रसव रजिस्टर में इन महिलाओं के नाम नहीं हैं। भुगतान के लिए विभाग के सॉफ्टवेयर का भी उपयोग नहीं किया गया। मैनुअल ही भुगतान कर दिया गया।
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