दिवाली में शहर में वायु प्रदूषण का स्तर सिर्फ एक दिन में 20 गुना तक बढ़ गया। 13 और 15 नवंबर के बीच पीएम 10 में करीब 20 फीसदी और पीएम 2.5 में करीब 15 प्रतिशत माइक्रो ग्राम प्रतिघन मीटर की बढ़त दर्ज की गई। इससे हवा की शुद्धता कम हुई है।
वैज्ञानिकाें की माने ताे दिवाली की रात हुई आतिशबाजी से भागलपुर के वायु प्रदूषण के स्तर में बढ़त आई है। इससे आंख जलन और एलर्जी जैसी समस्या हाे सकती है। बिहार कृषि विश्वविद्यालय के वैज्ञानिक डाॅ. वीरेंद्र कुमार की माने तो वायु प्रदूषण का स्तर लगातार बढ़ा है। लाॅकडाउन में हवा साफ हुई थी, उसके बाद से प्रदूषण बढ़ता ही जा रहा है। बीते 24 घंटे में ताे प्रदूषण 20 फीसदी तक बढ़ा है।
खतरनाक है भागलपुर की हवा
एयर क्वालिटी इंडेक्स के अनुसार पीएम 2.5 में 60 माइक्रो ग्राम प्रतिघन मीटर की हवा शुद्ध मानी गई है। पीएम 10 में 100 माइक्रो ग्राम प्रतिघन मीटर की हवा शुद्ध बताई है। इसके हिसाब से वर्तमान में शहर की हवा सेहत पर बुरा असर डाल सकती है। पीएम 2.5 खतरनाक है। सांस लेते वक्त धूल कण फेफड़ों में जमते हैं और अस्थमा हो सकता है।
पीएम 10 और पीएम 2.5 क्या है
पीएम 10 काे रेस्पायरेबल पार्टिकुलेट मैटर कहते हैं। इस कणाें का साइज 10 माईक्राेमीटर हाेता है। इससे छाेटे कणाें का व्यास 2.5 माइक्राेमीटर या कम हाेता है। इसमें धूल, गर्द अाैर धातु के सूक्षम कण शामिल हैं।
अभी क्या है स्थिति
पीएम 10 का स्तर रविवार काे 225 से 230 माइक्रो ग्राम प्रतिघन मीटर दर्ज किया गया। यह शनिवार काे 180-90 माइक्रो ग्राम प्रतिघन मीटर था। पीएम 2.5 भी 110 से 115 माइक्रो ग्राम प्रतिघन मीटर दर्ज किया गया। यह शनिवार काे 90 से 115 माइक्रो ग्राम प्रतिघन मीटर था। लाॅकडाउन शुरू हाेने के बाद यह स्तर बेहद कम था। जून में यह बढ़ा था। 15 अप्रैल को लॉकडाउन शुरू होने के बाद पीएम 2.5 का मानक 39 था, जो जून में 49 तक दर्ज किया गया था। वहीं 15 अप्रैल काे पीएम 10 का मानक 47 था। यह जून में 59 तक हो गया।
इन शहरों की हवा एक नवंबर को थी सबसे खराब
Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today
from Dainik Bhaskar https://ift.tt/32QezO2
No comments:
Post a Comment