रखंड क्षेत्र को दो भागों में बांटने वाली गांव नदी का तलहटी इलाका शराब बनाने तथा बेचने वाले माफियाओं के लिए सेफ जोन बना हुआ है। कांव नदी के दोनों तरफ दो थानों राजपुर तथा बघैला के मध्य यह धंधा तेजी से फैल पुलिस के लिए सिरदर्द बना हुआ है। जब भी पुलिस इन इलाकों में शराब माफियाओं के लिए अभियान चलाती है।
तो उससे पहले ही शराब माफिया अपना धंधा इधर से उधर एक दूसरे थाने में बदल अपना कारोबार सुरक्षित संचालित करते रहे हैं। सूत्र बताते हैं कि प्रखंड के दक्षिणी पश्चिमी हिस्से में स्थित कांव नदी का तलहटी इलाका श्रीनगर सूअरा , कुसधर तथा अकोढ़ी गोला प्रखंड के गांव नीमा, कपासिया कि दोनों के बीच यह धंधा तेजी से फैल रहा है। जहां दर्जनों देसी शराब बनाने की भटिया संचालित होती है । जिस पर पुलिस लगाम लगाने में नाकाम साबित हुआ है। वैसे तो इन इलाकों में राजपूत पुलिस ने दो बार अंग्रेजी शराब की बड़ी खेप बरामद करने में सफलता प्राप्त की है।
किंतु यहां बनने वाली है महुआ देसी शराब की भट्ठी ऊपर अब तक पुलिस की नजर नहीं पहुंच पाई है।कुशधर तथा श्रीनगर सुअरा गांव से कुछ ग्रामीण सूत्र बताते हैं कि बघेला थाना पुलिस शराब के देसी भट्टे चलाने वाले माफियाओं पर काफी मेहरबान है। क्योंकि पुलिस की रेड होने से पहले ही माफियाओं को इस बात की खबर उन तक पहुंच जाती है और जब कभी पुलिस की रेट प्रति भी है। तो पुलिस उन धंधे वालों को पकड़ने से कतराते हुए छोटी भट्ठियों को ध्वस्त कर इतिश्री मान लेती हैं।
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