फसल अवशेष या पराली जलाने वाले किसानों को तीन साल तक सरकारी योजनाओ का अनुदान नहीं मिलेगा। खेतों में पुआल जलाने वाले किसानों की पहचान कर ऑनलाइन निबंधन को काली सूची में डालकर उन्हे अनुदान से बंचित रखा जायेगा।
कृषि विभाग के सचिव द्वारा जारी आदेश के मुताबिक जो किसान पराली जलाएंगे। उन्हें कृषि विभाग की योजनाओं के लाभ से तीन साल तक वंचित रखने का निर्णय लिया गया है। बताया जाता है कि किसानों को ऑनलाइन निबंधन से ही अनुदान का लाभ मिलता है।
इसलिए पुआल जलाने की सूचना पर संबंधित किसानों को योजनाओ से वंचित रखने में कोई परेशानी नहीं होगी। पंचायत स्तर पर कृषि समन्वयक पराली जलाने वाले ऐसे किसानों की सूची तैयार करेंगे। किसानों को अनुदान से वंचित रखने के लिए जलाए गए फसल के रकबा का फोटो या दस्तावेज अपलोड करना होगा। जिस किसान को अनुदान से वंचित किया जाना है। उसके पड़ोसी किसानों का नाम, मोबाइल नम्बर भी देना होगा। कृषि समन्वयक यह प्रमाणित करेगे कि किसान ने खेत में पराली जलाई है।
इसके बाद कृषि पदाधिकारी द्वारा कृषि समन्वयक के रिर्पोट के आधार पर किसानों को तीन साल के लिए अनुदान से बंचित रखने की प्रकिया पूरी होगी। बतादें कि कृषि विभाग ने किसानों को डीजल अनुदान,खाद सबसिडी, बीज अनुदान,कृषि यांत्रिकीकरण सहित कृषि इनपुट अनुदान योजना असमय वर्षा, आंधी या ओला बृष्टि के कारण प्रभावित फसलों के लिए अनुदान दे रही है।
अनुमंडल कृषि पदाधिकारी कमलेश कुमार ने बताया कि कृषि विभाग ने आदेश जारी किया है कृषि विभाग के पोर्टल पर पंजीकृत किसानों में पुआल जलाने वाले कारवाई की जायगी। तीन साल तक किसी भी तरह की सरकारी योजना का लाभ नहीं दिया जाएगा।
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