भोजपुर जिले में विधानसभा चुनाव और खाद्य एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग की लापरवाही के कारण 117163 उपभोक्ताओं को अक्टूबर माह का खाद्यान्न नहीं मिल सका है। हाल यह है कि सरकारी खाद्यान्न का वितरण अवधि समाप्त होने के लिए एक माह समाप्त होने के बाद भी नहीं हो पाया है।
अब तक महज 72त्न उपभोक्ताओं के बीच खाद्यान्न का वितरण हो पाया है। जिनकी संख्या 2 लाख 18 हजार 996 है। भोजपुर जिले में कुल उपभोक्ताओं की संख्या 3,99,159 है। खाद्य एवं आपूर्ति विभाग के सख्त आदेश के बावजूद सबसे ज्यादा प्रभावित आरा शहरी क्षेत्र, आरा सदर प्रखंड और उदवंतनगर प्रखंड के उपभोक्ता हुए हैं।
इन सबको अक्टूबर माह का खाद्यान्न नवंबर माह में भी नहीं मिल सका। उपभोक्ता खाद्यान्न मिलने की उम्मीद में डीलरों की दुकान तक दौड़ लगाते रहे।परंतु खाद्यान्न का उठाव नहीं होने के चलते जन वितरण प्रणाली के विक्रेता अपने उपभोक्ताओं को खाद्यान्न नहीं दे पाए। जहां खाद्यान्न का उठाव हुआ, वहां भी कुछ उपभोक्ताओं को छोड़कर अधिकांश उपभोक्ता खाद्यान्न के लिए ताकते रह गए और खाद्यान्न नहीं मिला।
इसका मूल वजह यह है कि राज्य सरकार के खाद्य एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग के आदेश के बावजूद समय से खाद्यान्न का उठाव नहीं हो सका और हैदराबाद से चलने वाली ई-पाॅस मशीन भी बंद हो गया। सबसे ज्यादा परेशानी आरा शहरी क्षेत्र, आरा सदर प्रखंड एवं उदवंतनगर प्रखंड क्षेत्र के उपभोक्ताओं को हुआ। जिसके खाद्यान्न का उठाव जिला मुख्यालय स्थित राज्य खाद्य निगम के बाजार समिति के गोदाम से होता है।
अवधि विस्तार के लिए सचिव को भेजा अनुरोध पत्र
विधानसभा चुनाव के कारण शत-प्रतिशत खाद्यान्न का उठाव व वितरण निर्धारित तिथि तक नहीं होने के चलते जिलाधिकारी रोशन कुशवाहा ने विभाग के सचिव को पत्र लिखकर वितरण की अवधि विस्तार करने के लिए अनुरोध किया है। जिलाधिकारी ने अपने पत्र में उल्लेख किया है, कि संपूर्ण भोजपुर जिले में निर्धारित तिथि 26 नवंबर तक मात्र 71प्रतिशत ई-पोस मशीन से खाद्यान्न का वितरण सुनिश्चित हो सका है। शेष बचे उपभोक्ताओं के बीच शत -प्रतिशत खाद्यान्न वितरण को सुनिश्चित कराने के लिए तीन दिसंबर तक अवधि विस्तार किया जाए, ताकि सभी लाभुकों को खाद्यान्न का वितरण सुनिश्चित किया जा सके। उन्होंने पत्र में उल्लेख किया है कि अब तक केवल 86 प्रतिशत खाद्यान्न का एसआईओ डिस्पैच हो सका है।
विधानसभा चुनाव में बाजार
विधानसभा चुनाव में बाजार समिति में वज्रगृह व मतगणना हॉल बना दिए जाने की वजह से गोदाम से खाद्यान्न का उठाव समय से नहीं हुआ। जब उठाव होना शुरू हुआ, तो राज्य सरकार के अल्टीमेटम के बावजूद भी शत-प्रतिशत खाद्यान्न का उठाव नहीं हो सका। जब डीलर वितरण करने चले तो 26 नवंबर को ई-पोस मशीन भी बंद हो गया। फलस्वरूप एक लाख से ज्यादा गरीब उपभोक्ता प्रतिमाह मिलने वाले सरकार अनुमानित खाद्यान्न से वंचित हो गए। नवंबर माह में खाद्यान्न मिलने की उम्मीद पाले उपभोक्ताओं को अब दिसंबर माह का इंतजार करना पड़ेगा।
27 नवंबर को देर रात तक हुआ था उठाव
खाद्य एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग के सचिव ने जिलाधिकारी और संबंधित विभाग को पत्र लिखकर 26 नवंबर तक हर हाल में वितरण सुनिश्चित कराने का आदेश जारी किया था। परंतु बाजार समिति से विलंब से शुरू हुए खाद्यान्न के उठाव के चलते निर्धारित तिथि तक वितरण की बात तो दूर शत-प्रतिशत उठाव ही नहीं हो सका था। जबकि 26 नवंबर को ई-पोस मशीन हैदराबाद से ऑटोमेटिक बंद हो गया। इधर, शुक्रवार 27 नवंबर की देर रात तक खाद्यान्न का उठाव जारी रहा। खाद्यान्न का उठाव शत-प्रतिशत सुनिश्चित कराने के लिए विभाग के अधिकारी खासे परेशान रहे।
किस प्रखंड में कितने हैं उपभोक्ता
आरा-67,651, जगदीशपुर-40,507, पीरो-39,552, शाहपुर 36,445, बड़हरा-32,703, तरारी- 30,592, कोईलवर- 26,047, बिहिया- 22,959, उदवंतनगर- 21,914, सहार, 16,514, अगिआंव में 15,180, संदेश-15,109, चरपोखरी-14,779 और गड़हनी में 13,807 उपभोक्ता इस योजना का लाभ लेते हैं।
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